एचडीएफसी डिफेंस सेक्टर फंड (एचडीएफसी डिफेंस फंड ) HDFC DEFENCE FUND
दोस्तों आज के आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे एक ऐसे म्यूचल फंड की जो डिफेंस सेक्टर से जुड़ा हुआ है यह फंड है एचडीएफसी डिफेंस सेक्टर फंड (एचडीएफसी डिफेंस फंड )।म्यूच्यूअल फंड यानी कि आपको एन एफ ओ(NFO) 19 मई को खुल गया था तथा 2 जून तक खुला रहेगा ।
अब प्रश्न उठता है कि एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ( HDFC MUTUAL FUND)को यह फंड लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उनके फंड मैनेजर के दिमाग में यह आइडिया क्यों आया ?इसकी वजह बिल्कुल साफ है हम देखते हैं कि आए दिनों विश्व के देशों के बीच कुछ ना कुछ तनाव बना ही रहता है रूस तथा यूक्रेन के युद्ध के बारे में हम सभी लोग अच्छी तरह वाकिफ है ।2 सालों से यह युद्ध लगभग चल रहा है तथा दुनिया के सभी देशो का डिफेंस का खर्चा काफी ज्यादा हद तक बढ़ गया है जाने अनजाने अमेरिका तथा यूरोप के सभी देश लगभग शामिल है भारत अपनी रक्षा जरूरतों के हिसाब से रक्षा क्षेत्र में काफी खर्चा बढ़ा रहा है इसलिए एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर ओं को यह लगा कि इस चक्कर में यह समय इन्वेस्ट करने का बहुत बढ़िया मौका है जैसा कि इस fund के नाम से ही लग रहा है कि यह यह डिफेंस क्षेत्र की कंपनियों में ही निवेश करेगा
लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि कितना प्रतिशत हिस्सा यह डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में निवेश करेगा ?
fund manager का कहना है कि 80% हिस्सा की कंपनियों में निवेश करेगा उसमें कंपनियां भी शामिल हैं जिनका कम से कम 10% हिस्सेदारी डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में है या 10% की कमाई डिफेंस सेक्टर से करती हैं ।इस स्कीम का प्रबंधन अभिषेक पोद्दार करेंगे इस स्कीम इस स्कीम का बेंच मार्क निफ़्टीइंडिया डिफेंस इंडेक्स टी आर आई होगा ।जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत सरकार का ध्यान भी इस तरह है कि डिफेंस क्षेत्र के कंपनियों के कई उपकरणों का निर्माण देश में ही किया जाए ।हमारे दिमाग में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि इस क्षेत्र का भविष्य कैसा है ?इस पर हम थोड़ा सा चर्चा कर लेते हैं ।सरकार लगातार डिफेंस सेक्टर में अपना निवेश बढ़ा रही है सरकार चाहती है कि डिफेंस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करके देश की घरेलू कंपनियों के बिजनेस को ही बढ़ावा दिया जाए सरकार उन देशों से डिफेंस स्टेटमेंट का निर्यात ही करना चाहते हैं जिनके साथ भारत के संबंध अच्छे हैं ।एक बात और महत्वपूर्ण है कि भारत डिफेंस क्षेत्र के उपकरणों का निर्यात बहुत कम करता है यदि डिफेंस सेक्टर के उपकरण देश में ही बनने लग जाएं तो भारत इन उपकरणों का निर्यात भी कर सकेगा। डिफेंस सेक्टर के उपकरणों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी अभी एक से 2% तक ही है कुछ वर्षों में भारत का निर्यात 8 गुना बड़ा है ।
इस क्षेत्र में रिस्क क्या है ?
कुछ जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा रिश्ता यह है कि रक्षा क्षेत्र में जो कंपनियां उपकरणों का निर्माण करेगी उनकी खरीदारी सरकार द्वारा ही हो सकेगी यानी कि केवल सरकार ही इसकी एकमात्र कस्टमर होगी ,और कंपनियों का भविष्य सरकार की पॉलिसी तथा सरकार क्या उनके लिए रूल और रेगुलेशन बनाती है, उस पर निर्भर करेगी, सरकारों के रक्षा बजट ओं का भी इस पर असर पड़ेगा ।
Companies in this sector?
अभी डिफेंस क्षेत्र में कंपनियों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है ।इन्वेस्टर इनवर्टर की भलाई इसी बात में है कि इस क्षेत्र में कंपनियों की संख्या यानी कि लिस्टेड कंपनियों की संख्या ज्यादा से ज्यादा हो तभी वह अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड कर पाएंगे निफ़्टी इंडेक्स फंड ने 1 साल में 56% का रिटर्न दिया है इस इंडेक्स फंड में अभी तक 13 कंपनियां लिस्टेड है जिनमें मुख्य रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सोलर इंडस्ट्रीज हैं इस इंडेक्स में भारत एयरोनॉटिक्स तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की हिस्सेदारी 20: 20% है तीसरी बड़ी कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज का एलोकेशन 18 % की है ।
एक नए निवेशक को इस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं करना चाहिए?
प्रश्न उठता है कि एक नए निवेशक को इस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं करना चाहिए जैसा कि हमने कहा है कि इस क्षेत्र की कंपनियों ने पिछले 1 साल में 50% से ऊपर तक के रिटर्न दिए हैं ,इसलिए इस फंड में बहुत छोटे पीरियड के लिए इन्वेस्ट करना निवेशकों के हित में नहीं होगा ।इस फंड में लम सम अमाउंट ( LUMP SUM) भी INVESTMENT बेवकूफी होगी
निवेशकों को चाहिए कि अगर वह इस फंड में निवेश करना चाहते हैं तो वह एसआईपी(SIP) के थ्रू ही बहुत लंबे समय तक इन्वेस्टमेंट करने का प्लान रखें
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