आज के जमाने में प्रॉपर्टी खरीदना ,उसे मेंटेन करना उसे रेंट पर देना, रेंट पर देने के लिए clints को ढूंढना और उसके बाद जो प्रॉपर्टी को बेचना है तो खरीदार को ढूंढना और ये सारी चीज की टेंशन हो जाती है लेकिन आज इस मेथड के बारे में डिटेल में बात करने वाला हूं वहां पर आप सिर्फ ₹300 से भी रियल एस्टेट में इन्वेस्ट कर सकते हो और उतनी अच्छे रिटर्न कमा सकते हो जितने बाकी लोग अपना बहुत बड़ा कैपिटल इन्वेस्ट करके खुद प्रॉपर्टीज खरीद के रिटर्न कमा देते है तो इस इन्वेस्टमेंट का नाम है रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट यानी की रेट (REIT)। बहुत ही इंटरेस्टिंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जिसके बारे में मुझे लगता है कि सभी को जाना बहुत जरूरी है ।अपने पोर्टपोलिओ को डायवर्सिफाई करने के लिए बहुत अच्छा ऑप्शन आपके लिए हो सकता है ।और इसी के बारे में आज के इस आर्टिकल में मैं डिटेल में मैं आपको बताऊंगा कि इसमें कैसे इन्वेस्ट कर सकते है?
डाटा तो यह भी बताता है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में जो यील्ड है उससे ज्यादा यील्ड REIT को हिस्टोरिकल मिला है उन सारी चीजों के बारे में आज की आर्टिकल में डिटेल में बात करेंगे । इंडिया में REIT नया जरूर है लेकिन ग्लोबल अगर देखा जाए तो यह नया कॉन्सेप्ट नहीं है 1961 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर पहली बार कोई REIT लिस्ट हुई थी
REIT का मतलब क्या होता है ?
REIT का मतलब होता है रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट ।जिसमें हम बिना प्रॉपर्टी को देख खरीदे, इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं ।और हमें एक फिक्स्ड इनकम डिविडेंड के रूप में मिलती है
REAT कैसे काम करता है ?
इसकी जानकारी होना भी आवश्यक है रेट की कार्यप्रणाली एक म्युचुअल फंड की तरह होती है ।REIT का कॉन्सेप्ट भारत में काफी नया है जो कंपनी REIT या कारपोरेशन के रूप में भारत में स्थापित होती है, इसका मुख्य काम रियल एस्टेट में होता है इसमें स्पॉन्सर फंड मैनेजर और ट्रस्टी शामिल होते हैं REIT की स्थापना के लिए सबसे पहले एक रियल स्टेट कंपनी स्पॉन्सर के रूप में कार्य करते हुए एक ट्रस्टी को अप्वॉइंट करती है ,यह ट्रस्टी सभी रियल स्टेट एसेट को कंट्रोल करता है.। ट्रस्टी एक मैनेजर को अप्वॉइंट करता है जिसका काम रियल स्टेट प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट तथा मैनेज करना होता है लेकिन हम REIT कंपनी में तभी इन्वेस्ट कर सकते हैं जब यह रेट कंपनी शेयर मार्केट में आईपीओ लाती है या उसके बाद हम इसके शेयर खरीद कर इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं उसके बाद जिस तरह से यह कंपनी हमें डिविडेंड के रूप में रेंटल इनकम प्रदान करती है
भारत में मुख्यता इस समय REIT है :
1-Brookfield India Real Estate Trust
2-Embassy Office Parks REIT
3-Mindspace Business Parks REIT
4-Nexus select trust
इन कंपनियों के परफॉर्मेंस ,शेयर मार्केट भाव आदि की जानकारी आप अपने ब्रोकिंग एप पर अथवा किसी न्यूज़ वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं
REIT में निवेश कैसे करें ?
REIT मैं निवेश करने के लिए आपका एक डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।आप इसमें निम्न प्रकार इन्वेस्ट कर सकते हैं ।
१- आईपीओ– जब कोई भी REIT कंपनी का आईपीओ आ रहा हो तो आप इसमें अप्लाई कर
सकते हैं।
२- शेयर खरीदकर – आईपीओ आने के बाद यह कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है इसके बाद
आप इसके शेयर अपनी क्षमता के अनुसार खरीद सकते हैं ।
3-म्युचुअल फंड के माध्यम से– आपको यह देखना होगा की ऐसा कौन सा फंड है जो की REIT कंपनियों में
निवेश कर रहा है आपको ऐसे फंड को ले लेना चाहिए परंतु शायद ऐसा होना
बहुत मुश्किल है कि कोई म्युचुअल फंड अपना हंड्रेड परसेंट निवेश इन
कंपनियों में कर रहा हो लेकिन भारत में भविष्य में इस तरह के म्युचुअल फंड
आने की काफी संभावना है
REIT इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न –
REIT इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न जैसा कि हम जानते हैं कि यह हमें डिविडेंड के रूप में मिलता है इस तरह के कंपनियों की डिविडेंड यील्ड अभी तक 5% से लेकर 6% तक है ।
Brookfield India Real Estate ट्रस्ट ,Embassy Office Parks REIT,Mindspace Business Parks REIT,Nexus select ट्रस्ट इन कंपनियों की डिविडेंड हिस्ट्री तथा डिविडेंड यील्ड आप समय-समय पर कोई भी बिजनेस वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं
REIT-के फायदे
1-डिविडेंड के रूप में स्थाई इनकम मिलन ।
2-स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के कारण हम इन्हें कभी भी बेच सकते हैं और इसे निकाल सकते हैं ।
3-भारी भरकम प्रॉपर्टी खरीदने के बजे कम इन्वेस्टमेंट में प्रॉपर्टी इनडायरेक्ट रूप से खरीदने का यह माध्यम है ।
4-हम अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड कर रहे हैं ।
REIT मैं इन्वेस्टमेंट के नुकसान –
1-रियल स्टेट का इन्वेस्टमेंट भी मार्केट की मंडी से बचा नहीं है इसलिए हमारे इन्वेस्टमेंट की वैल्यू मार्केट के हिसाब से बदलते रहती है क्योंकि कंपनी का शेयर प्राइस भी करते बढ़ता रहता है ।
2-इंटरेस्ट रेट से जुड़े रिस्क इंटरेस्ट रेट का घटना बढ़ाना भी हमारे इनकम में असर डाल सकता है ।
3-महंगाई के कारण भी रेट के रिटर्न की वैल्यू कम हो सकती है
4-मैनेजमेंट रिस्क फंड मैनेजर का फैसला भी हमारे इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित कर सकता है
5-जब हम इन कंपनियों में निवेश करते हैं तो हमारा इन्वेस्ट की जा रही है एसेट पर कोई कंट्रोल नहीं होता है वह फंड मैनेजर के मैनेजमेंट पर निर्भर करता है
डिस्क्लेमर-
REIT मैं निवेश को लेकर हमारी कोई निजी राय नहीं है पाठकों के चाहिए कि आप अपने वित्तीय सलाहकार से पूछ कर इसमें निवेश कर सकते हैं। हमारा मकसद निवेश के एक विकल्प जो कि भारत में अभी नया-नया प्रकाश में आया है इसकी जानकारी देना है ताकि आपको दिवेश का एक और विकल्प के बारे में जानकारी मिल सके