Sat. Mar 15th, 2025

 

 दोस्तों वर्तमान समय में ज्यादातर कंपनियां सितंबर तिमाही के अपने रिजल्ट्स को घोषित कर रही है यदि आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं अथवा ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आप शेयर मार्केट से संबंधित समाचारों को जरूर सुनते होंगे यह समाचार या तो आप बड़ी वेबसाइट  मनी कंट्रोल, इकोनामिक टाइम्स या दूसरे  बिजनेस न्यूज पेपर में पढ़ते होंगे ।अथवा टीवी चैनल जैसे ज़ी बिजनेस या सीएनबीसी आवाज़ पर न्यूज़ जरूर देखते होंगे इसके अलावा आपके ब्रोकर भी आपको व्हाट्सएप या टेलीग्राम चैनल के द्वारा कई तरह की जानकारियां देते हैं जिसमें कंपनियों के रिजल्ट्स की जानकारी भी शामिल है ।

       कंपनियों के रिजल्ट के आधार पर शेयर मार्केट के एक्सपर्ट कंपनी के स्टॉक का एनालिसिस करते हैं उसमें खरीदारी या बिकवाली की राय देते हैं आमतौर पर न्यूज़ एंकर या शेयर मार्केट के एक्सपर्ट कंपनी के रिजल्ट की जानकारी देते समय कई तरह के शब्दों अथवा कीवर्ड का चयन अपनी एनालिसिस रिपोर्ट में बताते हैं ।

आज के आर्टिकल में हम कंपनी के रिजल्ट से संबंधित जानकारी में प्रयोग होने वाले शब्दों और कंपनी के रिजल्ट से संबंधित अन्य जानकारी की चर्चा करेंगे जो की एक इन्वेस्टर को जानना जरूरी होता है ।

आज के आर्टिकल में हम इन्वेस्टर के दिमाग में आने वाले प्रश्नों के साथ-साथ उनके उत्तर देने की कोशिश भी करेंगे ।

हमारे हिसाब से एक इन्वेस्टर के दिमाग में कंपनी के रिजल्ट से संबंधित निम्नलिखित प्रश्न तथा उनके उत्तर पता होने चाहिए ।

    पहला सवाल -कंपनियों के नतीजे को जानना क्यों जरूरी होता है ?

    कंपनियों के नतीजे को इसलिए जानना जरूरी होता है कि कंपनियों के नतीजे से हमें कंपनी की स्थिति का पता लगता है कि यह कंपनी फायदे में चल रही है अथवा नुकसान में चल रही है इसका बिजनेस कैसा चल रहा है और आने वाले भविष्य में इसके बिजनेस में क्या संभावना है जाहिर सी बात है कि जिस कंपनी का भविष्य खराब हो और जो कंपनी लगातार घाटे में जाने की संभावना हो उसमें इन्वेस्टर पैसा कैसे लगाएंगे ?

    दूसरा सवाल -कंपनियां अपने नतीजे कब जारी करती हैं ?

    कंपनियों को हर तिमाही के अंत में अपने नतीजे जरूर जारी करना आवश्यक होता है यह तिमाहियों इस प्रकार होती हैं जैसे जून तिमाही सितंबर तिमाही दिसंबर तिमाही और मार्च की तिमाही यदि कोई कंपनी समय पर अपने तिमाही रिजल्ट की घोषणा नहीं कर रही है तो उसे कम से कम तिमाही खत्म होने के 45 दिनों तक तो नतीजे जारी करना आवश्यक होता है ।परंतु चौथी तिमाही में कंपनियों को नतीजे जारी करने के लिए तिमाही खत्म होने के बाद से 60दिन का समय मिलता है ऐसा इसलिए होता है की चौथी तिमाही के बाद वर्ष पूरा हो जाता है और कंपनी को पूरे साल भर के नतीजे जारी करने होते हैं ।

    नतीजे घोषित करने से पहले कंपनियां अपने बोर्ड मीटिंग करती है और बोर्ड मीटिंग के बाद खत्म होने के बाद आधे घंटे बाद नतीजे जारी करना जरूरी होता है ।

    तीसरा सवाल –हम कंपनी के नतीजे की जानकारी कैसे ले सकते हैं ?

    कंपनियां अपने नतीजे की जानकारियां स्टॉक एक्सचेंज को देती हैं उसके अलावा कंपनी की वेबसाइट और प्रेस रिलीज के द्वारा भी नतीजे की घोषणा होती है ।जाहिर सी बात है कि हम सभी को नतीजे की जानकारी बिज़नस न्यूज़ चैनल अथवा बिज़नस न्यूज़ पेपर या बिजनेस न्यूज वेबसाइट के द्वारा पता लग जाती है ।

    चौथा सवाल -कंपनियों के नतीजे हमें क्या-क्या जानकारियां देते हैं ?

    कंपनियों के नतीजे से हमें कंपनी का मुनाफा, कंपनी की कामकाजी आय  कंपनी के आय  के अन्य स्रोत और खर्चों के बारे में जानकारी मिलती है इसके अलावा कंपनी ने कितना टैक्स पे किया और टैक्स पे करने के बाद उसको कितना मुनाफा या नुकसान हुआ इसकी जानकारी मिलती है ।

    पांचवा सवाल -कंपनी के नतीजे में क्या-क्या बताया जाता है ?

    कंपनी के नतीजे में कई बातों की जानकारी दी जाती है जैसे कंपनी का  साल दर  साल (YOY),तिमाही दर  तिमाही (QOQ) प्रदर्शन कैसा रहा ।इसके अलावा other इनकम ,Exceptional income आदि की चर्चा भी की जाती है ।

    सवाल नंबर 6 –यदि रिजल्ट में other इनकम ,Exceptional income  का जिक्र हो तो इसका क्या मतलब होता है  ?

     other इनकम-उसे आई को कहते हैं जो कंपनी के मुख्य व्यापार से नहीं आती है 

    Exceptional income-उसे आई को कहते हैं जो किसी खास वजह से एकमुस्त आती  है ।

    सातवां सवाल -EBITDA क्या होता है ?

    हिंदी में इसे कामकाजी मुनाफा भी कहते हैं 

    EBITDAका अर्थ इसकी फुल फॉर्म से समझ लेते हैं EARNING BEFORE INTEREST  TAX DEPRECIATION AND AMORISATION 

    सर्विस सेक्टर में सिर्फ कारोबार से होने वाले मुनाफे को ही कामकाजी मुनाफा कहते हैं

    परंतु मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वह आए जो ब्याज टैक्स TAX DEPRECIATION AND AMORISATION 

    को      घटाने से पहले हो  

    इसे  निम्नलिखित कैलकुलेशन से समझ लेते हैं 

    EBITDA = net income + interest expenses + taxes + depreciation + AMORISATION 

    अथवा EBITDA = operating income + depreciation + amortization

    ऊपर के कैलकुलेशन में हमें DEPRECIATION AND AMORISATION  का अर्थ मालूम होना अति आवश्यक है 

    DEPRECIATION -यह किसी संपत्ति के जीवन काल में उसके मूल्य में कमी है।

    AMORISATION-नियमित अंतराल पर ऋण पर मूलधन और ब्याज का भुगतान करना या समय के साथ किसी परिसंपत्ति की प्रारंभिक लागत के लिए लेखांकन की प्रक्रिया

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    आठवां सवाल -EBIT क्या होता ?

    EBIT ?

    EBIT का अर्थ इसके फुल फॉर्म से समझ लेते हैं इसकी फुल फॉर्म है  EARNING  BEFORE INTEREST  AND TAX

    सर्विस इंडस्ट्री के लिए इसे कामकाजी मुनाफा कहा जाता है इसका मतलब वह आय  जो ब्याज और टैक्स घटाने से पहले हो। सर्विस इंडस्ट्री में उत्पादन नहीं होता है मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं होते हैं इसलिए बाद मैं    डेप्रिसिएशन नहीं   होता ।

    EBIT को निम्नलिखित फार्मूले से भी समझा जा सकता है 

    EBIT = Net Income + Interest + Taxes 

    नवा सवाल -EBIT तथा EBITDA मैं क्या फर्क है? 

    आप सभी को इन दोनों शब्दों में अंतर ऊपर के फार्मूला से पता लग गया होगा और हमने यह समझने की कोशिश की है कि EBIT सर्विस इंडस्ट्री के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि सर्विस इंडस्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं होता है इसलिए उनमें  बाद मैं    डेप्रिसिएशन नहीं   होता ।परंतु EBITDA का प्रयोग मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के रिजल्ट की घोषणा करने में किया जाता है क्योंकि प्लांट और मशीनरी लगाने के चक्कर में उनमें बाद में DEPRECIATION हो जाता है ।अर्थात यह दोनों शब्द एक ही हैं परंतु EBITका प्रयोग सर्विस सेक्टर के लिए तथा एबिट्डा  का प्रयोग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के रिजल्ट की घोषणा करने के लिए किया जाता है।

    दसवां सवाल -बैंकिंग सेक्टर के रिजल्ट में किन शब्दों का इस्तेमाल होता है और उनका क्या अर्थ है ?

    बैंकिंग शब्दों के रिजल्ट की घोषणा करने में निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग होता है जिनके अर्थ हम उनकी फुल फॉर्म से समझ लेते हैं 

    NII – NET INTEREST INCOME (बैंकों को पैसों के लेनदेन पर जो ब्याज से कमाई होती है ।

    अर्थात NII=कमाया गया ब्याज -दिया गया ब्याज (YOY)

    NIM- NET INTEREST MARGIN अर्थात बैंक ने औसत निवेश पर कितना ब्याज कमाए (YOY एंड QOQ)

    GNPA-GROSS NON PERFORMING ASSET 

    NNPA-NET NON PERFORMING ASSET  यदि बैंक को लेनदारों से ताई समय पर कर्ज वापस नहीं मिलता है तो बैंक ऐसे कर्जदारों का प्रोविजन बनती है 

    NNPA=GNPA-प्रोविजन (QOQ)

    11वां सवाल -एफएमसीजी स्टील और सीमेंट कंपनियों के रिजल्ट्स की की एनालिसिस करते समय कौन-कौन से शब्द प्रयोग किए जाते हैं और उनका क्या अर्थ है ?

     REALIZATION-किस भाव पर सीमेंट और स्टील बिक रही है ।

    EBITDA/TON-कंपनी प्रति TON कितना कामकाजी  मुनाफा कमा रही है ।

    इसके अलावा इन कंपनियों के वॉल्यूम ग्रोथ पर भी नजर रखनी चाहिए और नतीजे की तुलना कर साल दर साल YOYबेसिस पर करनी चाहिए 

    12वां प्रश्न -आईटी सेक्टर की कंपनियों के रिजल्ट्स की घोषणा करते समय कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है और उनका क्या अर्थ होता है ?

    एट्रिशन रेट -कंपनी में नौकरी कितने लोग छोड़ रहे हैं यह आंकड़ा देखा जाता है ।

    डील पाइपलाइन -आने वाले वक्त में सेक्टर में कामकाज कैसा रहेगा या उन्हें कितना काम मिलेगा AAY 

    आय -डॉलर RUPEE  में उतार-चढ़ाव के चलते आए देखी जाती है ।

    इससे हमें पता यह चलता है कि विदेशों से कंपनी की आय कितनी कमियां ज्यादा हो रही है ।

    12वां प्रश्न -कंपनी के रिजल्ट्स के अलावा हमें किन बातों पर नजर रखनी चाहिए जो हमें कंपनी के भविष्य के बारे में सही जानकारी देती है

    1-मैनेजमेंट अपनी COMENTRY में क्या गलत या सही बोल रही है और बोलते समय उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है 

    2-कंपनी को आने वाले समय में क्या प्लान है अर्थात उनका गाइडेंस कैसा है 

    3-कंपनी को आने वाले समय में कैसे ऑर्डर मिलने वाले हैं अर्थात ऑर्डर बुक का आउटलुक 

    4-वैल्युएशंस  

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    2 thoughts on “12 ऐसे सवाल जिनके जवाब कंपनियों के रिजल्ट का अध्ययन करने के लिए पता होना चाहिए”
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