म्यूचुअल फंडों के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान को लेकर अक्सर निवेशकों में उलझन बानी रहती है. तथा वे इनके बीच मे फर्क नहीं कर पाते हैं. जबकि ये दोनों में थोड़ा बहुत अंतर होता है. जबकि म्यूचुअल फंडों के Direct प्लान में कोई Commision या Brokerage शामिल नहीं होता है. और वहीं, रेगुलर प्लान में इसे वसूला जाता है. इन दोनों के बीच और भी कई अंतर हैं.और यहां हमने उन्हीं के बारे में आपको बताया है
रेगुलर प्लान क्या होते हैं।
Regular Plan वह Plan होते हैं जिसमें ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी/ फण्ड हाउस और Investor के बीच सीधा संबंध नहीं होता तथा इसका मतलब यह हुआ की रेगुलर फंड्स में म्यूच्यूअल फण्ड हाउस और निवेशक के बीच एक समझोता होता है।
मध्यस्थ कोई Agent ,Advisor या Broker या Distributor हो सकता है।
यह मध्यस्थ फंड हाउस के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। यानि की इनका कार्य केवल फंड हाउस के प्रोडक्ट को बेचना होता है।और जैसे LIC का एजेंट LIC की बीमा योजनाएं बेचता है वैसे ही म्यूच्यूअल फंड एजेंट अपना म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम बेचने के लिए कार्य करता है।
तथा इन सभी सेवाओं के बदले मे म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट AMC से एक शुल्क या अपना कमीशन वसूलते हैं तथा AMC इन एजेंट्स को शुल्क, कमीशन का भुगतान करने के लिए निवेशकों से थोड़ा बहुत अतिरिक्त expen का चार्ज करता है।
इन सेवाओं के बदले मे म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट AMC से शुल्क और अपना कमीशन वसूलते हैं। तथा AMC इन एजेंट्स को शुल्क, कमीशन का भुगतान करने के लिए निवेशकों से थोड़ा बहुत अतिरिक्त expense रेश्यो चार्ज करता है।
अंतिम रूप से यह एक्सपेंस Ratio Investor को मिलने वाली NAV से ही काटा जाता हैं।
तो यहां पर आपको यह समझ में आया कि Mutual फंड्स के Regular Plans वह होते हैं जो एजेंट या ब्रोकर के माध्यम से खरीदे जाते हैं।
डायरेक्ट म्यूचूअल प्लान क्या होते हैं |
Direct Plan and Regular Plan में कुछ खास अंतर नहीं होता है। यह दोनों लगभग समान प्रकार के ही होते हैं। और जनवरी 2013 तक बस Regular Plans ही होते थे। जबकि उस समय तक डायरेक्ट प्लान की सुविधा फंड हाउस द्वारा नहीं दी जाती थी।
परंतु जनवरी 2013 से सेबी के दिशा निर्देशानुसार सभी फंड हाउस को एक Regular Plan के साथ Direct Plan लॉन्च करने को भी कहा गया।
म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान वह प्लान होते हैं जो सीधे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के द्वारा निवेशक को पेश किए जाते हैं। यहां निवेशक और फंड हाउस के मध्य कोई मीडिएटर, एजेंट या Broker नहीं होता है।
फण्ड हाउस मे और अधिक निवेशको के बीच कोई भी एजेंट नहीं होने की वजह से Direct Plans में कोई Commission नहीं रहता ।
मीडिएटर नहीं होने के कारण से ही डायरेक्ट प्लान्स में Regular Plans की अपेक्षा मे कम एक्सपेंस Ratio होता है। परंतु इसमें से निवेश संबंधित सभी कार्य को निवेशक को स्वयं करने होते हैं।
Direct और Regular म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है तथा इसके लाभ और हानियों पर चर्चा कीजिये। (difference between direct and regular mutual fund)
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1. Direct Plan की पेशकश Fund House सीधे करते हैं. वहीं, रेगुलर प्लान इंडिपेंडेंट फाइनेंशियल एडवाइजर, Bank या NBFC जैसे इंटरमीडियरी या डिस्ट्रीब्यूटरों के जरिये खरीदते हैं.
2. Direct Plans में कोई Commission या Brokerage नहीं होता है. जबकि Regular Plans में इंटरमीडियरी को Commision या ब्रोकरेज देना पड़ता है. यही वजह है कि लागत के लिहाज से डायरेक्टर प्लान रेगुलर प्लान के मुकाबले सस्ते रहते हैं.
3.Direct प्लान का Expense Ratio कम होता है. इसकी वजह यह है कि इनमें कोई Commision नहीं होती है. वहीं, Commision के चलते Regular Plan के साथ Expense Ratio ज्यादा होता है.
4. जहां तक Net Eset Value यानी NEV का सवाल है तो Regular Plan की तुलना में Direct Plan में यह ज्यादा होती है.
5. थोड़ा कम Expense Ratio के कारण Direct Ratio Plans का Return रेगुलर प्लान के मुकाबले कही ज्यादा होता है
रेगुलर प्लान के फायदे :-
Mutual Fund Regular Plan में Advisor की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से निवेशक को स्वयं कोई Research नहीं करनी पड़ती है तथा समय देने की आवश्यकता भी नहीं होती । रेगुलर प्लान में कुछ अन्य सेवाएं प्राप्त रहती है जैसे कि Investor के Record रखना, रिडेम्पशन में सहायता आदि।
Financial Advisor आपको Portfolio Review एवं Manage करने में सहायता करते हैं।
रेगुलर प्लान के नुकसान :-
Mediator होने की वजह से आपकों ज्यादा Expensis Ratio का भुगतान करना पड़ता है जिससे आपको डायरेक्ट प्लान की तुलना में कम Return मिलता है।
Regular Plan की NAV कम होती है जिससे आपके Portfolio का Valuation कम रहता है। यह Starting में कम लगता है परंतु जब आप ज्यादा लंबे समय के लिए Invest करते है तो यह अंतर ज्यादा हो जाता है।
डायरेक्ट प्लान के फायदे :-
डायरेक्ट प्लान में आपको कम-से-काम Expansis Ratio का भुगतान करना होता है जिससे आपको अधिक NAV मिलती हैं। इससे आपके Portfolio का Valuation Regular Plan की तुलना में ज्यादा रहता है।
इसके अतिरिक्त लंबे समय में Direct Plan और Regular Plan के Return में काफी ज्यादा अंतर पैदा हो जाता है। इसमे आप अपनी इच्छा अनुसार आपके portfolio का निर्माण कर सकते हैं।
डायरेक्ट प्लान के नुकसान:-
Direct Plan में कोई Advisor नहीं होने की वजह से सही Investment सलाह नहीं मिल पाती है।
आपको स्वयं अपनी Research करनी होती है। इसके लिए आपको अतिरिक्त Time निकालकर Mutual Fund का चुनाव, Portfolio Tracking करना होता है साथ ही पोर्टफोलियो को समय-समय पर खुद को ही रिव्यु करना होता हैं।.
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