जमीन खरीदने के लिए लोन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से कैसे पाएं।
SBI जमीन खरीदने के जो लोन देता है उसे SBI रियलिटी लोन कहते है। यह लोन आपको प्लाट,जमीन, के लिए ही मिलता है।
AGE लिमिट –
आपकी उम्र १८ साल से ६५ साल तक होनी चाहिए। आपको ७० साल तक लोन RE PAYMENT कर देना होगा, मतलब यदि आप ६५ साल के है तो आप को ५ साल ही लोन रीपेमेंट के लिए ही मिलेंगे।
इंटरेस्ट रेट –
इस लोन का रेट ऑफ़ इंट्रेस्ट होम लोन के बराबर ही होता है ,। ०.५ प्रतिशत का ही फर्क होता है। वर्तमान मै रेट ऑफ़ इंटरेस्ट इस प्रकार है।
इंटरेस्ट रेट्स ७.८५ प्रतिशत तक सालाना लगता है। यदि आपका सिबिल स्कोर काम है तो यह ज्यादा भी हो सकता है।
लोन अमाउंट
१५ करोड़ तक मिल सकता है। काम से काम लोन ५ लाख तक मिलेगा।
आप कितने अमाउंट के लोन के लिए योग्य है।
यह तीन प्रकार के फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
१-EMI /NMI RATIO
२-LTV RATIO
३- LOAN AMOUNT APPLIED
इन तीनो मैं सबसे कम अमाउंट जो होगा ,उतना लोन आपको मिलेगा।
ईएमआई:
यह समान मासिक किस्तों का संक्षिप्त रूप है। यह निर्धारित मासिक भुगतान है जो आपको ऋणदाता को ऋण के लिए करना होता है। इसकी गणना ऋण राशि, लागू ब्याज दर और ऋण अवधि के आधार पर की जाती है।
NMI:
NMI का तात्पर्य शुद्ध मासिक आय से है। यह मासिक आधार पर प्राप्त संभावित उधारकर्ता के हाथों में डिस्पोजेबल आय है, जिसका उपयोग वास्तव में उसके द्वारा अपने उपभोग और बकाया और देनदारियों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाता है।
SBI के लिए यह रेश्यो इस प्रकार होगा
सालाना इनकम लाख मैं रेश्यो
३ से ५ लाख तक ४०%
५ लाख से ऊपर ८ लाख तक ५०%
८ लाख से ऊपर १० लाख तक ५५%
१० लाख से ऊपर ६० %
मान लीजिये आपकी सैलरी साल की ६ लाख है , मंथली सैलरी ५०००० होगी ,तो आपकी मंथली EMI ५०००० का ५०% = २५००० के हिसाब से लोन मिलेगा ,यदि आपकी ५००० की कोई EMI पहले से काट रही है तो फिर आपको २०,००० की EMI के हिसाब से ही लोन मिलेगा।
LTV रेश्यो का अर्थ है लोन TO वैल्यू रेश्यो – आपके प्लाट की वैल्यू का प्रतिशत
७५००००० तक के प्लाट का LTV रेश्यो ७० प्रतिशत ,तथा उससे ऊपर ६० प्रतिशत होता है। मान लीजिये आपके प्लाट का कॉस्ट१० लाख है तो आपको ७ लाख तक का लोन मिलेगा।
लोन १० साल तक रीपेमेंट कर सकते है।
प्रोसेसिंग फीस लोन अमाउंट का ०.३५ प्रतिशत तक लग सकती है।
यदि आपकी सैलरी काम है तो आप कैसे लोन लोगे – यदि आपकी सैलरी काम है तो बैंक आपको लोन के लिए मना कर देता है ,ऐसी सिचुएशन मै आप अपने साथ co -borrower ऐड कर सकते है , कुल मिलकर दूसरे दो borrower ऐड कर सकते है।
बैंक यह लोन इस कंडीशन पर देता है की ५ साल तक आप इस जमीन पर आपना घर बना ले। घर बनाने के बाद आप अपना कम्पलीशन सर्टिफिकेट बैंक मै जाकर जमा कर ले। ताकि बैंक इसे आपने सिस्टम मै ऐड कर ले। यदि आप ऐसा नहीं करते है तो बैंक आपके लोन पर कमर्शियल रेट ऑफ़ इंटरेस्ट लगा देगा। जो की काफी ज्यादा होता है इसलिए घर बना लेना चाहिए।
अब यदि आप अपना घर बनाना छह रहे हो तो बैंक कंस्ट्रक्शन पर भी लोन दे देता है। इस कंडीशन मै बैंक आपका रियलिटी लोन को क्लोज कर देता है। नया लोन आपके रियलिटी लोन के आउटस्टैंडिंग लोन अमाउंट तथा कंस्ट्रक्शन कॉस्ट को मिलकर जो अमाउंट बनता है ,उसके योग के बराबर होगा। अब नए लोन पर आपको मोरेटोरियम पीरियड नहीं मिलेगा। यानि की आपको अगले महीने से ही लोन की किश्ते देना सुरु करना होगा।
इस प्रकार के लोन पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा। यदि इस पर घर बन गया है तो इस पर टैक्स बेनिफिट मिलेगा।
इस प्रकार के लोन मै कोई foreclosure चार्ज नहीं होता है। कभी भी यह लोन आप बंद कर सकते है।