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Invest से पहले इन बातों का रखें ख्याल
NCD में निवेश का एक टेन्योर होता है जिससे पहले निकासी नहीं कर सकते हैं
. बिक्री होने के बाद Companies इसे वापस नहीं लेती हैं. हालांकि सेकंडरी Market में जरूर अपने पैसे निकाल सकते हैं Exchange पर नया खरीदार मिलने पर इसे बेच सकते हैं.
NCD में निवेश के लिए Demat Account होना जरूरी है. पैसे लगाने से पहले पता कर लें कि NCD Secure  है या नहीं.
 Secure NCD में Invest करते हैं तो निवेशकों को Company की संपत्ति बेचकर पैसे वसूलने का अधिकार मिल जाता है.
NCD में निवेश पर Income Tax Act,1961 के Section 80C के तहत छूट नहीं मिलती है.
 एक साल से पहले बिक्री पर Income Tax स्लैब के मुताबिक Short Term कैपिटल गैन टैक्स और
 इसके बाद बिक्री पर इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी का Long Term कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है.
 इसके अलावा NCD पर मिलने वाले Interest पर एफडी के समान ही टैक्स देय होता है.
NCD के नुकसान कि व्याख्या कीजिये :- 
उच्च ब्याज दरें NCD अपने Investors को उच्च ब्याज दर पेश करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में NCD की औसत ब्याज दर लगभग 11% तक बढ़ गई है।
और अधिकांश NCD वार्षिक और संचयी भुगतान करने का प्रस्ताव भी देते हैं।
पूँजीगत लाभ कामना NCD स्टॉक एक्सचेंजों में भी सूचीबद्ध होते हैं
और Investor सम्पूर्णता से पहले किसी भी समय अपने इन डिबेंचर को बेचने का विकल्प चुन सकते हैं।
इस प्रक्रिया में, द्वितीयक मार्केट में बिक्री के माध्यम से कमाए हुए किसी भी Profit को पूंजीगत लाभ के रूप में जाना जाता है।
हालांकि इसमें कमाई इंट्रेस्ट Rate के कथानक पर निर्भर होती है।
कर देयता( टैक्सबिलिटी)- NCD में किसी भी निवेशक द्वारा कमाए हुए Intrest को बॉन्ड धारक की आय के साथ जोड़ दिया जाता है
 और उसके बाद उस व्यक्ति की व्यक्तिगत सीमांत आयकर दरों पर Tax लगाया जाता है।
यदि कोई Investor किसी असुरक्षित NCD में Invest करता है तो उसका कोई सहारा नहीं हो सकता।
लेकिन इसमें एक दूसरे प्रकार का जोखिम भी है जिसे लिक्विडिटी का जोखिम भी कहते है।
जो निवेशकों को सम्पूर्णता से पहले कही से भी बाहर निकलने से वंचित भी रखता है।
इसलिए हर Investors के लिए यह आवश्यक है कि वह एनसीडी में निवेश करने से पहले उसको प्रभावित करने वाले कारकों की पूरी तरह से बुनियादी जाँच करते।
जैसे एक Company के वित्तीय स्वास्थ्य और Fund के अंतिम उपयोग की जांच होनी चाहिए
और एक निष्पक्ष Rating ही इस जाँच का विश्वसनीय प्रमाण हो सकता है।
उदाहरण के लिए, एक विश्वसनीय गैर जमा राशि जो NBFC को RBI (आरबीआई) के साथ पंजीकृत करती हैं।
इंडियाबुल्स कंज्यूमर फाइनेंस लिमिटेड ने कुछ Secure नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स लोगों को देने के लिए जारी किए है।
NCD ने अपने Investors के लिए 11% तक की आकर्षक कूपन दर जारी कि हुई है।
इसमें 26 महीने 38 महीने और 60 महीने के सम्पूर्णता विकल्प भी हैं। इसके लिए आवेदन कम से कम ₹10,000 से शुरू होता है।
Corporate FD के लाभ बताइये? 
Fixed Deposit निवेश का सबसे पॉपुलर ऑप्शन माना जाता है. लेकिन FD के अलावा भी कुछ विकल्प हैं जो उससे कहीं ज्यादा Return आपको दे सकते हैं. Company अपनी जरूरत के लिए पैसे जुटाती हैं। 
 जिसके लिए यह Investors से पैसे लेती हैं जिसे  Corporate FD कहा जाता है.
 Company investors को विज्ञापन के जरिए निवेश करने की ओर आकर्षित करती हैं.
 इस एफडी पर कंपनियां Bank से ज्यादा Interest Rate देती हैं
. कंपनी का Corporate FD पर ब्याज अधिक होना निवेश के लिए बेहतर माना जाता है.
 Bankbazaar की Report ने साल 2022 में सबसे बढ़िया Corporate FD Rate देने वाले Banks की List जारी की है.
TAX BENEFIT:-
यह ध्यान रखें कि Bank और Company Deposit पर Investor आयकर की जिस Slab में आता है उसके अनुसार Tax लिया जाता है.
 आयकर कानून 1961 के तहत अगर Bank FD पर एक साल में Intrest 10 हजार रुपए से अधिक बनता है तो स्रोत पर TDS की कटौती की जाती है. कंपनी FD में इसकी सीमा 5 हजार रुपए है.
Corporate FD के नुसकान बताइये? 
बैंक एफडी के चलन में ज्यादा होने का कारण यह है कि यह बेहद Secure है. Reserve Bank Of India  के सख्त नियमों का Bank FD में पालन किया जाता है
. अगर Bank दिवालिया भी हो जाता है तो ऐसी स्तिथि में भी FD राशि चाहे जितनी हो, एक Lakh रुपए तक की राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी Corporate के तहत Secure रहती है.
वहीं दूसरी ओर Corporate Fixed Deposit पर इस तरह की सुरक्षा नहीं मिलती है, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं की आपका Invest बेहद जोखिम भरा हो
. जब भी आप कसी कंपनी में निवेश करें तो उस Company की Credit Rate एक बार जरूर चेक करें.
जब कॉर्पोरेट FD में निवेश करने की बात आती है, तो बहुत से लोग डरते हैं कि चूंकि ये जमा असुरक्षित हैं, इसलिए Company के Default होने पर पैसे की हानि हो सकती है।
यहां यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि सभी NBFC कंपनियां जो जमा राशि जमा करना चाहती हैं,
उन्हें RBI Corporate मामलों के मंत्रालय द्वारा निर्धारित कड़े नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसलिए, हालांकि Indian में 10,000 से अधिक NBFC हैं,
और उनमें से केवल कुछ ही जनता से जमा स्वीकार कर सकते हैं। और इस तरह के उपाय यह सुनिश्चित करते हैं कि Corporate सावधि जमा में पैसा लगाने की बात आने पर Invest के लिए जोखिम न्यूनतम भी हो।

By admin

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