दोस्तों आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे आईआरएफसी के बारे में ।वर्तमान समय में OFS को लेकर एक बार फिर निवेशकों के MIND पर है ।क्योंकि भारत सरकार ने 16 अगस्त 2023 को इस शेयर में और किसके द्वारा अपने हिस्सेदारी कम करने का फैसला किया है ।
सबसे पहले हमें यह जानना जरूरी है कि OFS क्या होता है ।
OFS का मतलब होता है ऑफर फॉर सेल। OFS के द्वारा प्रमोटर अपने शेयर को मार्केट में बेच पाते हैं ।इस प्रकार OFS के द्वारा शेयर मै प्रमोटर की होल्डिंग कम हो जाती है तथा रिटेल इन्वेस्टर की होल्डिंग बढ़ जाती है ।
OFS मैं कौन पार्टिसिपेट कर सकता है ?
ऑफिस में हर कोई इन्वेस्टर पार्टिसिपेट कर सकता है जिसके पास डीमैट अकाउंट होता है इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड यानी कि एफआइआई, डीआईआई और इंस्टुटियन्स भाग ले सकते हैं ।
OFS मैं भाग कैसे ले सकते हैं ?
OFS में भाग लेने के लिए आपको अपने ब्रोकर मोबाइल एप्लीकेशन या फिर वेबसाइट में जाना होगा वहां पर ऑफर फॉर सेल अप्लाई का ऑप्शन होगा इसके थ्रू और इसके मैं अपनी बिड लगा सकते हैं कंपनी एक बीट प्राइस सेट करती है उस प्राइस से ऊपर की बिड आपको लगानी चाहिए ताकि आपका OFS में सब्सक्रिप्शन के चांस बढ़ जाए।कंपनी नॉर्मली मार्केट प्राइस से कम प्राइस का बीट प्राइस सेट करती है ताकि उनका ओएफएस इन्वेस्टर्स को आकर्षित करें ।
आईआरएफसी अपना OFS क्यों ला रही है ?
लिस्टिंग होने के बाद से आईआरएफसी में प्रमोटर यानी कि सरकार की हिस्सेदारी 86.36% है ।नियमों के अनुसार प्रमोटर अपने शेयर में लिस्टिंग के कुछ समय के बाद अपनी हिस्सेदारी कम से कम 75 परसेंट ही रखनी होगी यानी कि एक निश्चित समय के बाद प्रमोटर किसी शेयर में हिस्सेदारी 75% से ज्यादा नहीं रख सकते हैं इस प्रकार भारत सरकार को आईआरएफसी में अपनी हिस्सेदारी कम से कम 11.36% कम करनी होगी ।
कब आएगा OFS और कितने प्राइस पर आएगा ?
दोस्तों को है कब आएगा इस बारे में जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है लेकिन सरकार ने इस पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है अभी यह भी क्लियर नहीं है कि OFS किस प्राइस पर आएगा लेकिन जब भी इसका OFS आएगा मार्केट प्राइस से कम पर ही आएगा ।
इन्वेस्टर्स को IRFC के शेयर में क्या रणनीति अपनानी चाहिए ?
दोस्तों OFS की खबरों के बीच में अब आईआरएफसी के शेयर में दबाव रहेगा ।इसलिए जिन इन्वेस्टर ने इस शेयर को पहले खरीद रखा है और वह बहुत भारी मुनाफे में है उन्हें इस शेयर में प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। इसके OFS में इन्वेस्टर्स को अवश्य भाग लेना चाहिए।क्योंकि OFS मार्केट प्राइस से कम प्राइस पर ही आएगा ।इसके अलावा जब इस कंपनी के शेयर में OFS आएगा तो उस समय शेयर का भाव हमें नीचे मिलेगा उस समय भी हम इस शेयर को खरीद सकते हैं अर्थात हमें BUY ON डिप्स का मौका मिलेगा ।
कंपनी में हमें निवेश क्यों करना चाहिए ?
कंपनी फंडामेंटल रुप से काफी स्ट्रांग है कंपनी का प्रॉफिट और सेल्स QOQ बेसिस पर लगातार बड़ रहा है ।
पिछले 2 सालों से शेयर का ROCE बढ़ रहा है। हर क्वार्टर में इसका रेवेन्यू भी बढ़ रहा है। साल का नेट प्रॉफिट फिर से 2 सालों से सुधर रहा है। बुक वैल्यू भी पिछले 2 सालों से सुधर रही है और FII/PFI इस शेयर में अपनी शेरहोल्डिंग को बढ़ा रहे हैं इसके अलावा प्रमोटर करने कोई भी शेयर गिरवी नहीं रखा हुआ है ।
कंपनी पिछले 1 साल में 140% के आसपास के रिटर्न दे चुकी है तथा पिछले 3 महीने में 52% के आसपास के रिटर्न के चुकी है।
दोस्तों आईआरएफसी रेलवे सेक्टर की कंपनी हैऔर यह रेल प्रोजेक्ट के लिए फंड उपलब्ध कराती है रेलवे सेक्टर के बारे में कुछ जानकारियां ।
दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रेलवे सेक्टर देश के ट्रांसपोर्टर क्षेत्र क्षेत्र के लिए एक बैकबोन का काम कर रहा है ।23-24 में 2. 4 करोड़ का बजट एलोकेशन रेलवे की हालत को सुधारने के लिए किया गया ।लगभग 1.4 मिलियन कर्मचारी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं ।
इस सेक्टर का आने वाला भविष्य कैसा है?
दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि भारत सरकार कई तरह से नयी नयी परियोजनाओं में पैसों की इन्वेस्ट कर रही है ।।कई प्रकार की वंदे भारत ट्रेनों को बनाया जा रहा है ।इस चैप्टर का भविष्य आने वाले टाइम में बहुत उज्जवल लग रहा है ।सरकार का फोकस रेलवेज के थ्रू सामान ,इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट की ढलाई करने के लिए पहले शे ही है ।इसलिए रेलवे के स्टॉक अब सभी इन्वेस्टर्स के राडार पर आने लगे हैं ।
एक अच्छे investors को रेलवे के स्टॉक्स को अपनी watch लिस्ट में क्यों रखना चाहिए ?
1-सरकार का सपोर्ट
सरकार लगातार ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्राक्टरे बढ़ावा देना चाहती है इसलिए सरकार इस सेक्टर की तरफ बजट एलोकेशन बढ़ा रही है ।इसलिए स्टॉक्स में इन्वेस्टर से कॉन्फिडेंस लगातार बढ़ रहा है ।
2-कई तरह के प्रोजेक्ट्स का चलना
2023 में सरकार कई तरह के प्रोडक्ट को इंट्रोड्यूस कर रही है जैसे हाइड्रोजन ट्रेन, 2800 किलोमीटर की डबल लाइन ,800 किलोमीटर का गेज कन्वर्शन और 600 किलोमीटर की नई लाइन ,1275 स्टेशन ।रेलवे के इस तरह के प्रोजेक्ट इनवर्टर को एक उम्मीद की किरण देते हैं ।
3-पैसेंजर की उम्मीद –
सरकार का प्लान अलग-अलग ट्रेनों में 1000 कोच लगाने का है ।इसके अलावा सरकार को जो का आधुनिकरण भी करना चाहती है ।
4-ट्रक रिन्यूअल –
सरकार ने इस साल ट्रक रिन्यूअल के बजट को 15388 करोड़ से बढ़ाकर 17296 करोड कर दिया है ।इस प्रकार सरकार रेलवे में अपना बजट के एलोकेशन को इस तरह से बढ़ाते रहें और रेलवेज के आधुनिकरण पर सरकार ध्यान देती रही तो यह सेक्टर 1 इन्वेस्टर के लिए लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट का सेक्टर हो सकता है ।